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सेक्स करते समय बेकार के ख्याल आते हैं बार-बार, तो ध्यान दें इन बातों पर!

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सेक्स तनाव दूर करने, कैलोरी बर्न करने, रिलैक्स करने और खुश रहने का एक बेहतरीन तरीका है, जो आपकी बिज़ी ज़िंदगी में भी आपको अपनी ज़िंदगी जीने का मौका देता है। लेकिन कई बार, उन खूबसूरत पलों के बीच भी आपको कई बेकार की चीज़ों के ख्याल आने लगते हैं। जैसे‘ मैं कल सुबह ऑफिस के लिए क्या पहनूं’, ‘क्या मैं आज शाम अपनी सहेली से मिल पाउंगी’, ‘आज रात को खाने में क्या बना सकती हूं मैं’, ये वो सारे ख्याल हैं जो आपके दिमाग में घूमते रहते हैं और अपने पार्टनर का साथ एन्जॉय नहीं कर पाती। तो बस ध्यान दीजिए कुछ बातों पर और टेंशनफ्री होकर एन्जॉय कीजिए सेक्स।

सेंसुअल टच- यूंही कभी सेंसुअली अपने आप को छूने से भी आपके दिमाग से बेकार के ख्याल गायब हो सकते हैं। इसीलिए अगर आपके दिमाग में ऑफिस के इमेल या रात के खाने के बाद के बर्तनों को साफ करने की चिंता सता रही है तो अपने पार्टनर की पीठ और गर्दन पर यूं ही प्यार से हाथ फिराएं। उसकी छाती पर हाथों से हल्के से मसाज करें और उसके पैरों पर अपने पैर रखें। आप अपने बालों की मदद से उन्हें छेड़ भी सकती हैं।

आंखें तो मिलाओ जी- अपने पार्टनर की आंखों में आंखें डालकर देखें। इससे आपको अपने पार्टनर पर फोकस करने और उससे जुड़ने में मदद मिलेगी। जर्नल मेन्स साना मोनोग्राफ्स में छपी एक स्टडी के अनुसार, आपके दिमाग का लिम्बिक सिस्टम को सक्रिय बनाता है। लिम्बिक सिस्टम को आपके और आपके पार्टनर के बीच भावनात्मक संबंधों से जोड़कर देखा जाता है। आई कॉन्टैक्ट से आपको अपने पार्टनर की सेक्सुअल डिज़ायर के बारे में पता चलेगा, और इस तरह आप समझ पाएंगी कि उसे क्या पसंद है या कैसे उसे टच करना है।

आवाज़ को बनाएं सेक्सी- गहरी सांस लें, सिसकियां भरे या फिर ज़ोर से कहें कि आपको क्या अच्छा लग रहा है और क्या नहीं। आप अपने पार्टनर को अपनी सेक्स फैंटसीस के बारे में भी बता सकती हैं, या फिर फोरप्ले में भी उसे ट्राई कर सकती हैं।

यह सामग्री 18 + साल के लिए उपयुक्त है। इसके अभिभावक के मार्गदर्शन की सलाह जरूरी है। अगर आपकी उम्र 18 वर्ष से कम है तो इस पेज पर न आएं। *शर्ते व नियम लागू।

Read this in English. चित्रस्रोत- Shutterstock

संदर्भ-[1] Vaillant, G. E. (2011). The Neuroendocrine System and Stress, Emotions, Thoughts and Feelings. Mens Sana Monographs, 9(1), 113–128. http://doi.org/10.4103/0973-1229.77430.


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